आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है।
# “पता है, स्मोकिंग दरअसल आप नहीं करते। सिगरेट ही स्मोकिंग करती है। आप तो सिर्फ सिगरेट का छोड़ा हुआ धुंआ पीते हैं।“
# “अब यह पूरी तरह साबित हो चुका है कि सिगरेट दुनिया में आंकड़ों के होने का एक प्रमुख कारण है।“
तंबाकू पर ज्यादा जानकारी के लिए 18 मई 2008 की पोस्ट देखें- कैंसर की दुनिया का आतंकवादी पत्ता: तंबाकू
4 comments:
anuradha ji aapne jo jankaji di hai uake liye dhanyabad. aapne smoking per jankari ka vistarikaran achha laga. but mera vichar hai ki tambaku ka utpadan hi sarkar band kar dena chahiye.
मनोज जी, आपने पोस्ट पढ़ी और टिप्पणी की, धन्यवाद। लेकिन ज्यादातर मामलों में मेरा मानना है कि सरकार तो हममें से ही कुछ लोग होते हैं। इसलिए कोई भी काम 'सरकार' को करने के लिए छोड़ने के बजाए क्यों न खुद ही शुरू करें। हम सब तंबाकू का सेवन छोड़ दें या अपने आस-पास के लोगों को सेवन के खिलाफ प्रेरित कर पाएं तो फिर सरकार के करने की जरूरत ही क्या रह जाएगी? क्या हम इतने कमजोर हैं कि तंबाकू की लत छोड़ने का जिम्मा भी नहीं ले सकते और सरकार से इसकी अपेक्षा करें। और अगर ऐसा ही है तो सरकार क्या खाकर इस बुराई को हमसे दूर कर पाएगी!!
अरे भाई सिगरेट से ऐसी नाराज़गी?
Sahee kahaa aapne.
{ Treasurer-T & S }
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