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Friday, October 3, 2008

चहुंओर रंग बिखेरता इंद्रधनुष

पिछले दिनों वेबदुनिया में अपने इस ब्लॊग पर एक लेख आया तो मैं बहुत उत्साहित हो गई। उसी उत्साह के नतीजे में नेट पर और जगहों पर तलाश की तो पता चला हम कई और जगहों पर भी समीक्षित हैं। तो उनमें से कुछ के बारे में लिंक सहित नीचे दे रही हूं।

THATS HINDIरविवार, मई 11, 2008

कैंसर को समर्पित ब्लॉग 'इंद्रधनुष'
रविवार, मई 11, 2008

नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। हिंदी ब्लॉग की दुनिया में साहित्य, सिनेमा, राजनीति, संगीत आदि पर तो कई ब्लॉग मौजूद हैं और सक्रिय रूप से काम भी कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को समेटे ब्लॉग की संख्या काफी कम है। हाल ही में हिंदी ब्लॉग जगत में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के उदेश्य से 'इंद्रधनुष' नामक ब्लॉग का प्रवेश हुआ है।
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। हिंदी ब्लॉग की दुनिया में साहित्य, सिनेमा, राजनीति, संगीत आदि पर तो कई ब्लॉग मौजूद हैं और सक्रिय रूप से काम भी कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को समेटे ब्लॉग की संख्या काफी कम है। हाल ही में हिंदी ब्लॉग जगत में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के उदेश्य से 'इंद्रधनुष' नामक ब्लॉग का प्रवेश हुआ है।
यह ब्लॉग कई मायनों में अन्य ब्लॉगों से अलग है। कैंसर से जुड़ी जानकारियों से लेकर इससे जुड़ी गलत अवधारणाओं के बारे में भी यहां जानकारियां दी जा रही हैं। जहां ब्लॉग का नाम 'इंद्रधनुष' रखा गया है, वहीं इसका परिचय इस प्रकार दिया गया है- "यह ब्लॉग उन सबका है जिनकी जिंदगियों या दिलों के किसी न किसी कोने को कैंसर ने छुआ है।"...

हिंदी मीडिया.इन

कैंसर ने जीने की राह दिखाई



ब्लॉग समीक्षा | रंजना भाटिया | Monday, 21 July 2008

आज हिन्दी ब्लॉग समीक्षा की श्रृंखला में प्रस्तुत है इंद्रधनुष , इस ब्लॉग की लेखिका है आर अनुराधा, जिन्होंने कैंसर जैसी बीमारी पर जीत हासिल की है।

आज जितना हवा में प्रदूषण फ़ैल रहा है, उतनी ही तेजी से बीमारी फ़ैल रही है| कैंसर का इलाज यदि वक्त रहते हो जाए तो यह अच्छा है | बहुत अच्छी बात जो इस ब्लॉग को पढने में आती है वह है इसकी सकरात्मक सोच | जब कोई व्यक्ति जिंदगी से हार रहा हो उस वक्त यदि इस तरह की सोच उस व्यक्ति के दिल में कुछ पढ़ कर सुन कर पैदा हो जाए तो सब लिखना सार्थक हो जाता है | इस ब्लॉग में लिखे कुछ वाक्य तो जिंदगी के प्रति नजरिया ही बदल देते हैं और दिल में जीने का उत्साह भर देते हैं | नई दवाओं और इलाज के तरीकों ने सारे माहौल और लोगों के सोचने का ढंग ही बदल दिया है। अस्पतालों में ऐसे कई कैंसर के मरीज आपको मिल जाएंगे जो पिछले 24-25 साल से तमाम आशंकाओं को नकारते हुए अपना सफर ज़िंदादिली के साथ तय कर रहे हैं। काफी संभव है कि जब मृत्यु आए तो उसकी वजह कैंसर न हो। ...

रिजेक्ट माल
जो कहीं नहीं छ्पा वो यहाँ छपेगा ... सूचना और रचना के लोकतंत्र में आप सबका स्वागत है। अपना रिजेक्ट माल या ऐसा माल जो आपको लगता है कि रिजेक्ट हो जाएगा, उसे rejectmaal@gmail.com पर भेजें

Tuesday, July 8, 2008
मुमकिन है कैंसर के साथ जीना ! कैंसर का खौफ अब पहले से कम हो रहा है। कैंसर के बावजूद अब कई लोग उसी तरह लंबी जिंदगी जी रहे हैं जैसे कि हार्ट की बीमारी या डायबिटीज के मरीज जीते हैं। बीमारी का इलाज न हो तो भी उसका मैनेजमेंट कई बार मुमकिन हो पाता है। कैंसर का मतलब जीवन का अंत नहीं है, इस बात को रेखांकित करता एक लेख आज नवभारत टाइम्स के संपादकीय पन्ने पर मुख्य लेख के रूप में छपा है। ये लेख आर अनुराधा ने लिखा है, जिनकी राजकमल-राधाकृष्ण से छपी किताब इंद्रधनुष के पीछे -पीछे, एक कैंसर विजेता की डायरी बेस्टसेलर रही है। अनुराधा के ब्लॉग का नाम है इंद्रधनुष। ...


ताक-झांक
ने भी मेरा एक लेख 'नारी' ब्लॊग से लिया है।

जोश18सितम्बर 2008


">जीवन शैली » वाह जिंदगी!
एक ब्लॉग, कैंसर के नाम!
12 मई 2008
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

नई दिल्ली। हिंदी ब्लॉग की दुनिया में साहित्य, सिनेमा, राजनीति, संगीत आदि पर तो कई ब्लॉग मौजूद हैं और सक्रिय रूप से काम भी कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को समेटे ब्लॉग की संख्या काफी कम है। हाल ही में हिंदी ब्लॉग जगत में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के उदेश्य से ‘इंद्रधनुष’ नामक ब्लॉग का प्रवेश हुआ है।....


अनुभव
मुझे आदमी का सड़क पार करना हमेशा अच्छा लगता है क्योंकि इस तरह एक उम्मीद - सी होती है कि दुनिया जो इस तरफ है शायद उससे कुछ बेहतर हो सड़क के उस तरफ।
May 12, 2008
कैंसर को समर्पित ब्लॉग 'इंद्रधनुष'
POSTED BY गिरीन्द्र नाथ झा AT MONDAY, MAY 12, 2008
LABELS: ब्लॉग की बातें
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