अपने को प्रकाशित, प्रचारित करना मेरी फितरत में ज़रा कम है। इसलिए कई बार कुछ ऐसी बातों की जानकारी फैलाने में भी बड़ी देर लग जाती है, जो आत्म-प्रचार लगती हैं, पर उनका सरोकार बहुत से लोगों से है।
ऐसे ही, कोई दो महीने पहले हॉलीवुड स्टार एंजलीना जोली के डबल मास्टेक्टोमी (इसी बहाने मास्टेक्टोमी और डबल मास्टेक्टोमी जैसे टंग-ट्विस्टर, अनजाने कठिन तकनीकी अंग्रेज़ी शब्द जवान -बूढ़े सभी की ज़ुबान पर चढ़ गए।) पर हिंदुस्तानी मीडिया में जबर्दस्त चर्चा छिड़ी, जिसका दरअसल आम हिंदुस्तानी के लिए कोई अर्थ नहीं था। यह रसीली चर्चा इस अर्थ में सकारात्मक रही कि इसके बहाने स्तन कैंसर जैसे आम तौर पर वर्जित विषय पर बातें हुईं, लोगों की जानकारी बढ़ी।
उस हफ्ते में मेरी व्यस्तता भी बढ़ गई थी। विशेषज्ञ मरीज़ के तौर पर कई चैनलों और पत्रिकाओं ने मेरे विचारों को जानने में दिलचस्पी दिखाई।
ऐसा ही एक कार्यक्रम यू-ट्यूब पर अब भी मौजूद है। यह राज्यसभा टीवी पर अमृता राय का कार्यक्रम 'सरोकार' है जिसमें मेरे अलावा कैनसपोर्ट की हरमाला गुप्ता भी हैं। उसका लिंक इधर दे रही हूं।
http://www.youtube.com/watch?v=D-zNDX0QMDg
ऐसे ही, कोई दो महीने पहले हॉलीवुड स्टार एंजलीना जोली के डबल मास्टेक्टोमी (इसी बहाने मास्टेक्टोमी और डबल मास्टेक्टोमी जैसे टंग-ट्विस्टर, अनजाने कठिन तकनीकी अंग्रेज़ी शब्द जवान -बूढ़े सभी की ज़ुबान पर चढ़ गए।) पर हिंदुस्तानी मीडिया में जबर्दस्त चर्चा छिड़ी, जिसका दरअसल आम हिंदुस्तानी के लिए कोई अर्थ नहीं था। यह रसीली चर्चा इस अर्थ में सकारात्मक रही कि इसके बहाने स्तन कैंसर जैसे आम तौर पर वर्जित विषय पर बातें हुईं, लोगों की जानकारी बढ़ी।
उस हफ्ते में मेरी व्यस्तता भी बढ़ गई थी। विशेषज्ञ मरीज़ के तौर पर कई चैनलों और पत्रिकाओं ने मेरे विचारों को जानने में दिलचस्पी दिखाई।
ऐसा ही एक कार्यक्रम यू-ट्यूब पर अब भी मौजूद है। यह राज्यसभा टीवी पर अमृता राय का कार्यक्रम 'सरोकार' है जिसमें मेरे अलावा कैनसपोर्ट की हरमाला गुप्ता भी हैं। उसका लिंक इधर दे रही हूं।
http://www.youtube.com/watch?v=D-zNDX0QMDg