This blog is of all those whose lives or hearts have been touched by cancer. यह ब्लॉग उन सबका है जिनकी ज़िंदगियों या दिलों के किसी न किसी कोने को कैंसर ने छुआ है।
Saturday, April 23, 2011
हर हाल में खराब है शराब
हाल के एक रिसर्च से पता चला है कि ‘सीमित मात्रा में’ शराब पीना भी कैंसर को बढ़ावा देता है। और अगर कोई कम ही सही, पर लंबे समय तक नियमित शराब पीता रहा तो उसे कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। और यह खतरा उस समय भी रहता है, जबकि उसने अब यह आदत छोड़ दी हो। ब्रिटेन में 10 में से एक पुरुष और 33 में से एक महिला को शराब के कारण कैंसर होने का खतरा होता है। और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहां हर साल 13,000 लोगों को शराब पीने के कारण कैंसर हो रहा है, जिसमें स्तन, मुंह, खाने की नली का ऊपरी हिस्सा, स्वर यंत्र, जिगर और मलाशय के कैंसर शामिल हैं। महिलाएं एक यूनिट या 125 मिली लीटर वाइन, आधा पिंट बियर या सिंगल व्हिस्की के बराबर और पुरुष इससे दोगुनी शराब यदि नियमित पीते हैं तो उन्हें अल्कोहल से जुड़े कैंसर का खतरा बताया जाता है।
1992 से चल रहा ईपीआईसी (एपिक)कार्यक्रम पूरे यूरोप में खाने-पीने और कैंसर के संबंधों का अध्ययन करता है। इस अध्ययन में यूरोप में पिछले 10 साल से शराब पीने की आदतों और कैंसर के संबंध पर रिसर्च चल रहा है। इसमें 35 से 70 साल के 3.6 लाख लोग शामिल हुए। रिसर्च से पता चला है कि ज्यादातर लोग कैंसर और शराब के इस मारक संबंध से अनजान हैं। अनेकों का तो मानना है कि शराब पीने से उनकी सेहत बेहतर होती है। जबकि वास्तविकता यह सामने आई है कि एक पेग रोज पीने वाले भी अपने लिए कैंसर को निमंत्रण दे रहे हैं। यह भी भ्रम है कि ठंड में और ठंडे इलाकों में शराब पीना शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। जबकि यह अध्ययन ऐसे सभी भ्रमों के जाले साफ कर रहा है।
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2 comments:
Yes u r right ....i agree but im drinking just beer and it is not sharaab at all.
मुनीश, कृपया इस वाक्य पर गौर करें- "एक यूनिट या 125 मिली लीटर वाइन, आधा पिंट बियर या सिंगल व्हिस्की के बराबर..." यानी बियर शराब में ही गिनी जाती है, भले ही वह थोड़ी नरम हो, पर यही तो गड़बड़ है। पीने वाले इसे पानी समझ कर पी लेते हैं, पर अल्कोहल तो अल्कोहल है जनाब।
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