- महिलाओं में औसतन 23 फीसदी कैंसर स्तन कैंसर होते
हैं।
- कैंसर से होने वाली कुल मौंतों में 50 फीसदी का
कारण स्तन कैंसर है।
- हर साल 1,15,000 नए स्तन कैंसर के मामले सामने आते
हैं और 53,000 की मौत हो जाती है। यानी जब दो नए मामले सामने आते हैं तो एक मरीज
की मौत हो जाती है।
- इंडियन काउंसिल फॉर मेडीकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक 2015 तक
सालाना नए स्तन कैंसर का आंकड़ा ढाई लाख के आस-पास होगा।
- करीब 70 फीसदी मामलों में स्तन कैंसर के मरीज के
अस्पताल पहुंचने के समय ट्यूमर का आकार पांच से मी से ज्यादा यानी स्टेज 3 का होता
है। सिर्फ 5 फीसदी मरीज पहली स्टेज में अस्पताल पहुंचते हैं।
- स्तन कैंसर के सबसे ज्यादा मामले 45 से 55 की उम्र
के बीच होते हैं।
- करीब चौथाई मामलों में मरीज की उम्र 35 साल से कम
होती है।
(कम उम्र यानी बीमारी का तेज और ज्यादा फैलाव और बचने की कम संभावना।)
- अस्पतालों, निदान और चिकित्सा सुविधाओं की बेतरह
कमी।
- देश में दस लाख लोगों के लिए सिर्फ एक कैंसर विशेषज्ञ है। मास्टेक्टोमी यानी
स्तन की सर्जरी के बाद सिर्फ 20 फीसदी मरीजों को ही रेडियोथेरेपी की सुविधा मिल
पाती है, जो कि इलाज का एक महत्वूर्ण हिस्सा है।
- महंगा और लंबा इलाज। स्तन कैंसर का इलाज आठ से दस
महीने तक चलता है, जिसमें जरा भी देरी खतरनाक साबित हो सकती है। इलाज का निजी
क्षेत्र में कम से कम खर्च कुछ लाख रुपए तक होता है।
- सभी जगह इलाज की सुविधा उपलब्ध न होने से लोगों को
बड़े शहरों में इलाज के लिए आना पड़ता है, जो कि पूरे परिवार के लिए असुविधाजनक
है।
- बीमारी की जल्द पहचान के लिए देश में व्यवस्थित
स्तन कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम का अभाव है।
- महिलाओं की सेहत, खास तौर पर स्तन की सेहत को लेकर
बेध्यानी समाज में अब भी बहुत आम है। कैंसर से जुड़े भ्रम और सामाजिक रूप से
नकारात्मक भावनाएं लोगों को इलाज के लिए आगे आने से रोकती हैं।
2 comments:
यदि तुम्ही अस्वस्थ हो
कैसे उठें,किलकारियां
अगर तुम ,भूखी रहीं ,
कैसे जमेंगी , बाजियां ,
अगर तुम चाहो कि हम भी, छू सकें वह आसमां !
तब तो तुमको,स्वयं का भी,ध्यान रखना चाहिए !
याद रख , तेरी हँसी ,
जीवंत रखती है,हमें !
तेरी सेहत में कमी ,
बेचैन करती है,हमें !
जाना तो इक दिन सभी को, मगर अपनों के लिए
माँ, तुम्हे अपने बदन का , ध्यान रखना चाहिए !
कुछ बुरी बीमारियाँ
हैं ,ढूँढती रहती हमें !
कैंसर सीने में छिपकर
जकड़ता, जाता हमें !
वक्त रहते जांच करवा कर, जियें, सब के लिए !
कुछ तो अपने भी लिए ,अरमान रखना चाहिए !
तुमसे ही सुंदर लगे
संसार जीने के लिए
तुम नहीं,तो कौन है ?
हँसने,हंसाने के लिए
सिर्फ नारी ही जगत में, जीती गैरों के लिए !
दूसरों की मदद करने , शक्तिरूपा चाहिए !
मायके में, आंख भर
आयी,तुझे ही यादकर
और मुंह में कौर न जा
पाए तुमको याद कर !
अगर मन में प्यार है ,परिवार अपने के लिए !
तन में ऎसी व्याधियों की, जांच होनी चाहिए !
नारी आँचल में पले हैं ,
ट्यूमर घातक रोग के !
धीरे धीरे कसते जाते
रेशे, दारुण रोग के !
इनके संकेतों की हमको , परख होनी चाहिए !
कुछ तो माँ पापा की बातें,याद रखना चाहिए ! _ सतीश सक्सेना
इस जन सेवा के लिए साधुवाद इस ब्लॉग की लिंक
फेस बुक पेज पर साभार https://www.facebook.com/pages/Health-for-all/229765850367849
मेरा ब्लॉग http://healthforalldrvyas.blogspot.in/
हैल्थ फॉर आल डॉ व्यास
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