Thursday, November 27, 2008

शोक/आक्रोश


य़ह आक्रोश, विरोध और दुख का चित्र है। कल/आज की मुंबई की और पिछली तमाम ऐसी घटनाओं के खिलाफ। इस चित्र को अपने ब्लॉग पोस्ट मे भी डालें और साथ दें । इस एक दिन हम सब हिन्दी ब्लॉग पर अपना सम्मिलित आक्रोश व्यक्त करें।

6 comments:

sandeep sharma said...

SHOK NAHI AKROSH KI GHATNA ...

makrand said...

anuradha ji
talks are going on to curb terrorism on mantri level sachiv level santri level
let the talks continue
we have to pay more because the chosan path needs more time
regards

श्रुति अग्रवाल said...

अनुराधा...सही है कि यह शोक नहीं आक्रोश व्यक्त करने का वक्त है...ये वक्त है एकजुट होकर आतंकवाद के दानव को कुचलने का। यह वक्त है निर्लज्ज, दुष्ट मंसूबों पर पानी फेर देने का। यह वक्त है अपने हौंसले बुलंद करने और आतंकियों के हौंसले पस्त करने का।

Anil Pusadkar said...

हम आपके साथ हैं।

संतोष कुमार सिंह said...

अनुराधा जी आपके ब्लांग पर कैसर पीङित का हाल जानने आया था लेकिन मुंबई की घटना को लेकर आपके शोक को देख कर लगा की कैसर से कम खतरनाक आज आतंकवाद नही हैं लेकिन देश के बङे लोगो को कोसी नदी की त्रासदी पर ही सरकार के खिलाफ इसी तरह का मौर्चा खोलना चाहिए।ई0टी0भी पटना

ATUL said...

अनुराधा जी
आक्रोश किस पर व्यक्त करें..उन आतंकवादियों पर जिन्होंने ये वीभत्स काण्ड किया,उस देश पर जिसने ऐसी साजिश को समर्थन प्रदान किया अथवा अपने देश के महान राजनेताओं पर जो ऐसे संकट के समय में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे है।उन्हें चिंता है बस अपनी कुर्सी की और अपनी उल-जजूल बातों से सुर्खियों में छाए रहने की।
इस घटना के बाद हमारा सिस्टम कुछ दिनों के लिए तो चेत गया है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही हालात होंगे...वैसी ही लापरवाही होगी......जब तक अगला कोई काण्ड न हो जाये।

अगली पोस्ट की प्रतीक्षा में....
धन्यवाद्

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